💐।। संघर्ष में छिपा रहस्य।।💐
एक व्यापारी जिसका व्यापार डूब गया था, वह अपनी जिंदगी से बुरी तरह थक -हार चुका था।
परेशान होकर जंगल में गया और बहुत देर तक अकेले बैठा रहा । कुछ सोचकर,वह भगवान को संबोधित करते हुए बोला -'भगवान मैं हार चुका हूं,मुझे कोई एक वजह बताइए, कि मैं जीवित रहूं। मेरा सब खत्म हो गया है। मेरी मदद करिए।।'
भगवान ने जवाब दिया।
तुम जंगल में इस घास और बांस के पेड़ को देखो। जब मैंने घास और बांस के बीज लगाए, तो दोनों की अच्छे से देखभाल की,एक सा पानी और रोशनी दी...।
पर घास जल्दी बड़ी होने लगी और धरती को हरा भरा कर दिया, लेकिन बांस का बीज बड़ा नहीं हुआ। पर मैंने बांस के लिए हिम्मत नहीं हारी...।
दूसरे साल घास और घनी हो गई,लेकिन बांस का बीज नहीं ऊगा ।मैंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी...।
तीसरे साल भी बांस के बीज में कोई अंकुर नहीं निकला।मित्र !मैंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी...।
चौथे साल बांस के बीच में अंकुर नहीं आए। मैं नाराज नहीं हुआ ।
5 साल बाद उस बांस के बीज से एक छोटा सा पौधा अंकुरित हुआ, जो घास की तुलना में बहुत छोटा था, और कमजोर था ।लेकिन केवल 6 महीने बाद यह छोटा सा पौधा 100 फीट लंबा हो गया...।
मैने इस बांस की जड़ को विकसित करने के लिए 5 साल का समय लगाया। इन 5 सालों में इसकी जड़ इतनी मजबूत हो गई कि 100 फीट ऊंचे बांस को संभाल सकें...।
'जब भी आपको जीवन में संघर्ष करना पड़े तो समझिये कि, आप की जड़ मजबूत हो रही है ।आप का संघर्ष आप को मजबूत बना रहा है, जिससे कि आप आने वाले कल को सबसे बेहतरीन बना सको...।'
मैंने बांस के संदर्भ में में हार नहीं मानी...।
मैं तुम्हारे विषय में भी हार नहीं मानूंगा...।
किसी दूसरे से अपनी तुलना मत करो।
घास और बांस दोनों के बड़े होने का समय अलग अलग है,दोनों का उद्देश्य अलग-अलग है ...।
तुम्हारा भी समय आएगा, तुम भी एक दिन बांस के पेड़ की तरह आसमान छुओगे ।मैंने हिम्मत नहीं हारी। तुम भी मत हारो...।
अपनी जिंदगी में संघर्ष से मत घबराओ,यही संघर्ष हमारी सफलता की जड़ों को मजबूत करेगा।
हमेशा अपने छोटे-छोटे प्रयासों को जारी, रखें सफलता एक ना एक दिन अवश्य मिलेगी...।
" जहां चाह वहां राह"
*⚜️ आज का प्रेरक प्रसंग ⚜️*
*!! सुखी-दुखी संसार !!*
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एक नगर में एक शीशमहल था। महल की हरेक दीवार पर सैकड़ों शीशे जडे़ हुए थे। एक दिन एक गुस्सैल कुत्ता महल में घुस गया। महल के भीतर उसे सैकड़ों कुत्ते दिखे, जो नाराज और दुखी लग रहे थे। उन्हें देखकर वह उन पर भौंकने लगा। उसे सैकड़ों कुत्ते अपने ऊपर भौंकते दिखने लगे। वह डरकर वहां से भाग गया। कुछ दूर जाकर उसने मन ही मन सोचा कि इससे बुरी कोई जगह नहीं हो सकती।
कुछ दिनों बाद एक अन्य कुत्ता शीशमहल पहुंचा। वह खुशमिजाज और जिंदादिल था। महल में घुसते ही उसे वहां सैकड़ों कुत्ते दुम हिलाकर स्वागत करते दिखे। उसका आत्मविश्वास बढ़ा और उसने खुश होकर सामने देखा तो उसे सैकड़ों कुत्ते खुशी जताते हुए नजर आए।
उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। जब वह महल से बाहर आया तो उसने महल को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ स्थान और वहां के अनुभव को अपने जीवन का सबसे बढ़िया अनुभव माना। वहां फिर से आने के संकल्प के साथ वह वहां से रवाना हुआ।
*शिक्षा:-*
संसार एक ऐसा शीशमहल है जिसमें व्यक्ति अपने विचारों के अनुरूप ही प्रतिक्रिया पाता है। जो लोग संसार को आनंद का बाजार मानते हैं, वे यहां से हर प्रकार के सुख और आनंद के अनुभव लेकर जाते हैं।
जो लोग इसे दुखों का कारागार समझते हैं उनकी झोली में दुख और कटुता के सिवाय कुछ नहीं बचता।
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, पर्याप्त है


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